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भाभी, नास्ता तो पना दिया था, साफ चले गई. आप बताओ क्या खाओगी, मैं पना देता हूँ.
काना, आज मेरा काने का तो कोई मन नहीं कर रहा हूँ.
तो पिर बताओ जो कोई को बना देता हूँ.
बोल रही हूँ, काने का मन नहीं कर रहा हूँ. अच्छा.
अच्छा, मेरे बात सुने का, तुझ जब नाता है, तो कुंड़ी क्यों नहीं लगाता अबने बातुं के?